11 Class Physical Education Chapter 9 मनोविज्ञान एवं खेल Notes In Hindi Psychology And Sports
Textbook | NCERT |
Class | Class 11 |
Subject | Physical Education |
Chapter | Chapter 9 |
Chapter Name | मनोविज्ञान एवं खेल Psychology And Sports |
Category | Class 11 Physical Education Notes in Hindi |
Medium | Hindi |
Class 11 Physical Education Chapter 9 मनोविज्ञान एवं खेल Notes In Hindi जिसमे हम शारीरिक शिक्षा एवं खेलों में मनोविज्ञान की परिभाषा एवं महत्त्व वृद्धि और विकास की परिभाषाएँ एवं इनमें अन्तर विकास की विभिन्न अवस्थाओं में विकास संबंधी विशेषताएँ किशोरों की समस्याएँ एवं इनका समाधान आदि के बारे में पड़ेंगे ।
Class 11 Physical Education Chapter 9 मनोविज्ञान एवं खेल Psychology And Sports Notes In Hindi
📚 अध्याय = 9 📚
💠 मनोविज्ञान एवं खेल 💠
❇️ मनोविज्ञान :-
🔹 मनोविज्ञान मानव स्वभाव और उसके व्यवहार का वैज्ञानिक अध्ययन है ।
❇️ खेल मनोविज्ञान :-
🔹 खेल मनोविज्ञान वह क्षेत्र है जो मनोविज्ञान तथ्यों , सीखने के सिद्धांतों , प्रदर्शन और खेलकूद में मानवीय व्यवहार के संबंधों में लागू होता है ।
❇️ खेल मनोविज्ञान का महत्त्व :-
- व्यवहार को समझने में ।
- कौशलों को सुधारने में ।
- गामक कौशलों को सीखने में मदद करता है ।
- खिलाड़ी को मनोविज्ञान रूप से तैयार करना ।
- भावनाओं का नियंत्रण ।
❇️ वृद्धि :-
🔹 वृद्धि का अर्थ है आकार , भार , लम्बाई , चौड़ाई आदि में बढ़ोतरी । विकास : विकास का अर्थ- शरीर में गुणात्मक परिर्वतन है जैसे बच्चे की कार्यकुशलता , कार्य – क्षमता और व्यवहार में प्रगति ।
❇️ विकास एवं वृद्धि की विभिन्न अवस्थाएं :-
🔹 शैशवावस्था – 0 से 5 वर्ष
🔹 बाल्यावस्था – 6 से 9 वर्ष
🔹 बचपन – 19 से 12 वर्ष
🔹 किशोरावस्था – 12 से 18 वर्ष
🔹 वयस्कता – 18 वर्ष से
❇️ वृद्धि और विकास में अन्तर :-
🔶 वृद्धि :-
- वृद्धि परिणात्मक है ।
- वृद्धि के अंतर्गत शरीर के अंग , जैसे मस्तिष्क , वजन , लम्बाई , आकार , आकृति आते हैं ।
- वृद्धि को देखा और महसूस किया जा सकता है ।
- वृद्धि के साथ – साथ यह आवश्यक नहीं कि विकास भी हो ।
🔶 विकास :-
- विकास परिणात्मक के साथ – साथ गुणात्मक भी है ।
- विकास में शारीरिक परिवर्तनों के साथ – साथ सामाजिक तथा भावनात्मक परिवर्तन समाहित है ।
- विकास केवल परिपक्व व्यवहार के द्वारा मापा जा सकता है और वह अदृश्य है ।
- विकास बिना वृद्धि के भी संभव है ।
❇️ किशोरावस्था :-
🔹 वह अवस्था है , जिसमें मनुष्य बाल्यावस्था से परिपक्व अवस्था की ओर बढ़ता है ।
❇️ किशोरों की समस्याएं :-
- उदासी
- कम आत्मसम्मान
- विवाह पूर्ण यौन सम्बंधी समस्याएं
- नशीली दवाओं का दुरूपयोग
- अपराधिक और सामाजिक गतिविधि
❇️ किशोरावस्था की समस्याओं के समाधान :-
- माता पिता की सहानुभूति और उदार रवैया या व्यवहार ।
- घर और स्कूल में स्वस्थ वातावरण ।
- किशोर मनोविज्ञान का समुचित ज्ञान ।
- उचित यौन शिक्षा ।
- सही दिशा में ऊर्जा का प्रवाह ।
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