संविधान एक जीवंत दस्तावेज़ Notes, class 11 political science chapter 9 notes in hindi

Follow US On

11 Class Political Science Chapter 9 संविधान एक जीवंत दस्तावेज़ Notes In Hindi Constitution as a Living Document

TextbookNCERT
ClassClass 11
SubjectPolitical Science
Chapter Chapter 9
Chapter Nameसंविधान एक जीवंत दस्तावेज़
Constitution as a Living Document
CategoryClass 11 Political Science Notes in Hindi
MediumHindi

संविधान एक जीवंत दस्तावेज़ Notes, class 11 political science chapter 9 notes in hindi जिसमे हम संविधान , संविधान में संशोधन , संविधान एक जीवंत दस्तावेज , संविधान में जीवंतता आदि के बारे में पड़ेंगे ।

Class 11 Political Science Chapter 9 संविधान एक जीवंत दस्तावेज़ Constitution as a Living Document Notes In Hindi

📚 अध्याय = 9 📚
💠 संविधान एक जीवंत दस्तावेज़ 💠

❇️ संविधान :-

🔹 संविधान समाज की इच्छाओं और आकांक्षाओं का प्रतिबिम्ब होता है । यह एक लिखित दस्तावेज़ है जिसे समाज के प्रतिनिधि तैयार करते है । संविधान का अंगीकरण 26 नवम्बर 1949 को हुआ और इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया । 

🔹 भारत के संविधान को 26 नवंबर , 1949 को अपनाया गया था और इसका कार्यान्वयन 26 जनवरी , 1950 से शुरू हुआ था ।

🔹 1950 के बाद से , एक ही संविधान देश में संचालित होने वाले ढांचे के तहत कार्य करना जारी रखा है । 

🔹 हमारे संविधान की मूल संरचना को बदला नहीं जा सकता है और इसे देश की उपयुक्तता के अनुसार बनाया गया है । 

❇️ संविधान में जीवंतता है क्योंकि :-

  • यह परिवर्तनशील है । 
  • यह स्थायी या गतिहीन नहीं । 
  • समय की आवश्यकता के अनुसार इसके प्रावधानों को संशोधित किया जाता है ।
  • संशोधनों के पीछे राजीनीतिक सोच प्रमुख नहीं बल्कि समय जरूरत प्रमुख । 

🔹एक जीवित संविधान संविधान की मूल संरचना को बदले बिना किए गए संशोधनों को संदर्भित करता है , जिसका परिणाम न्यायिक व्याख्या के कारण हुआ है । 

🔹 एक ‘ लिविंग संविधान के रूप में , यह समय – समय पर विभिन्न स्थितियों में उत्पन्न होने वाले अनुभवों का जवाब देता है । 

🔹 उदाहरण के लिए , आरक्षण के मामले में सर्वोच्च न्यायालय , जो नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में कुल सीटों के 50 % से अधिक नहीं हो सकता है ।

❇️ लचीला संविधान :-

🔹 जिसमें संशोधन सरलता से वैसे ही किया जाता है जैसे कानून बनाया जाता है उदाहरण के लिए – राज्यों के नाम बदलना , उनकी सीमाओं में परिवर्तन करना आदि । संसद के दोनों सदनों द्वारा उपस्थित सदस्यों के साधारण बहुमत से बदल सकते हैं ।

❇️ कठोर संविधान :-

🔹 संविधान की कुछ धाराओं को बदलने के लिए संसद के दोनों सदनों का दो तिहाई बहुमत आवश्यक है और कुछ के लिए बहुमत के साथ – साथ कम से कम आधे राज्यों के विधानमंडल द्वारा संशोधन पर समर्थन आवश्यक है ।

❇️ संविधान में संशोधन :-

संशोधन की प्रक्रिया केवल संसद से ही शुरू होती है । 

संशोधन की प्रक्रिया अनुच्छेद 368 में है । 

संशोधनों का अर्थ यह नहीं कि संविधान की मूल सरंचना परिवर्तित हो। 

संशोधनों के मामले में भारतीय संविधान लचीलेपन व कठोरता का मिश्रण । 

संविधान में अबतक लगभग 100 संशोधन

संविधान संशोधन विधेयक के मामले में राष्ट्रपति को पुर्नविचार के लिए भेजने का अधिकार नहीं है ।

❇️ संविधान में संशोधन के तरीके :-

🔹 संशोधन करने के तरीके :-

संसद में सामान्य बहुमत के आधार पर ।

संसद के दोनों सदनों में अलग – अलग विशेष बहुमत के आधार पर संविधान में संशोधन का प्रस्ताव ।

विशेष बहुमत और आधे राज्यो के समर्थन द्वारा संशोधन

❇️ संसद में सामान्य बहुमत के आधार पर प्रावधान :-

नए राज्यों का निर्माण 

राज्यों की सीमाओं व नामों में परिवर्तन 

राज्यों में उच्च सदन ( विधान परिषद ) का सृजन या समाप्ति 

नागरिकता की प्राप्ति व समाप्ति 

सर्वोच्च न्यायलय का क्षेत्राधिकार बढ़ाना

❇️ विशेष बहुमत और आधे राज्यो के समर्थन द्वारा संशोधन का प्रावधान :-

राष्ट्रपति के निर्वाचन का तरीका 

केन्द्र और राज्यों के बीच विधायी शक्तियों का वितरण 

संसद में राज्यों का प्रतिनिधित्व

❇️ साधारण बहुमत व विशेष बहुमत में अंतर :-

🔹 साधारण बहुमत मतदान करने वाले सदस्यों का संख्या 50 % +1 है ।

🔹 विशेष बहुमत- सदन के कुल सदस्यों का 2/3 बहुमत है ।

❇️ अनुच्छेद 368 :-

🔹 अनुच्छेद 368 में कहा गया है कि संसद अपने संविधान संशोधन के माध्यम से अपने संसदीय शक्ति संशोधन को लागू कर सकती है , इस लेख में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार इस संविधान के किसी प्रावधान को निरस्त कर सकती है । 

❇️ संविधान में संवैधानिक संशोधनों द्वारा दिए गए कुछ परिवर्तनों :-

🔶 1951 :- संपत्ति के अधिकार का संशोधन संविधान मे नौवीं अनुसूची जोड़ी गई ।

🔶 1969 :- उच्चतम न्यायालय का निर्णय कि संसद संविधान में संशोधन नहीं कर सकती जिससे मौलिक अधिकारों का हनन हो ।

🔶 1989 :- 61 वां संशोधन – मतदान की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष

🔶 73 वा , 74वां संशोधन :- स्थानीय स्वशासन

🔶 93 वां संशोधन :- ( 2005 ) उच्च शिक्षा संस्थानों में पिछड़ा वर्ग के लिए स्थान आरक्षित ।

🔶 42 वां संशोधन :- ( 1976 ) प्रस्तावना में पंथ निरपेक्ष व समाजवादी शब्द का जुड़ना ।

🔶 52 वां संशोधन :- ( 1985 ) दल बदल पर रोक ।

❇️ संविधान में इतने संशोधन क्यों ? 

🔹 हमारा संविधान द्वितीय महायुद्ध के बाद बना था उस समय की स्थितियों में यह सुचारू रूप से काम कर रहा था पर जब स्थिति में बदलाव आता गया तो संविधान को संजीव यन्त्र के रूप में बनाए रखने के लिए संशोधन किए गए ।

🔹 इतने ( लगभग 100 ) अधिक संशोधन हमारे संविधान में समय की आवश्यकतानुसार लोकतंत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए किए गए ।

❇️ संविधान में किए गए संशोधनों का विभाजन :-

🔹 संविधान में किए गए संशोधनों का तीन श्रेणियों में विभाजन :-

  • प्रशासनिक संशोधन
  • संविधान की व्याख्या से संबंधित
  • राजनीतिक आम सहमति से उत्पन्न संशोधन

❇️ विवादस्पद संशोधन :-

🔹 वे संशोधन जिनके कारण विवाद हो । संशोधन 38वां , 39वां 42वां विवादस्पद माने जाते है । ये आपातकाल में हुए संशोधन इसी श्रेणी में आते हैं । विपक्षी सांसद जेलों में थे और सरकार को असीमित अधिकार मिल गए थे । 

❇️ संविधान की मूल संरचना का सिद्धान्त :-

🔹 यह सिद्धान्त सर्वोच्च न्यायालय ने केशवानंद भारती मामले में 1973 में दिया था । इस निर्णय ने संविधान के विकास में निम्नलिखित सहयोग दिया :-

  • संविधान में संशोधन करने की शक्तियों की सीमा निर्धारित हुई । 
  • यह संविधान के विभिन्न भागों के संशोधन की अनुमति देता है पर सीमाओं के अंदर । 
  • संविधान की मूल सरंचना का उल्लंघन करने वाले किसी संशोधन के बारे में न्यायपालिका का फैसला अंतिम होगा ।

❇️ संविधान एक जीवंत दस्तावेज :-

🔹 संविधान एक गतिशील दस्तावेज है । भारतीय संविधान का अस्तित्व 67 वर्षों से है इस बीच यह अनेक तनावों से गुजरा है । भारत में उतने परिवर्तनों के बाद भी यह संविधान अपनी गतिशीलता और बदलती हुई परिस्थितियों के अनुसार सामंजस्य के साथ कार्य कर रहा है । परिस्थितियों के अनुकुल परिवर्तनशील रह कर नई चुनौतियों का सफलतापूर्वक मुकाबला करते हुए भारत का संविधान खरा उतरता है यहीं उसकी जीवतंता का प्रमाण है ।

Legal Notice
 This is copyrighted content of INNOVATIVE GYAN and meant for Students and individual use only. Mass distribution in any format is strictly prohibited. We are serving Legal Notices and asking for compensation to App, Website, Video, Google Drive, YouTube, Facebook, Telegram Channels etc distributing this content without our permission. If you find similar content anywhere else, mail us at contact@innovativegyan.com. We will take strict legal action against them.

All Classes Notes