खेलों में योजना notes, Class 12 physical education chapter 1 notes in hindi

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12 Class Physical Education Chapter 1 खेलों में योजना Notes In Hindi Planning in Sports

TextbookNCERT
ClassClass 12
SubjectPhysical Education
Chapter Chapter 1
Chapter Nameखेलों में योजना
Planning in Sports
CategoryClass 12 Physical Education Notes in Hindi
MediumHindi

खेलों में योजना notes, Class 12 physical education chapter 1 notes in hindi जिसमे हम योजना का अर्थ एवं उद्देश्य विभिन्न समितियों व उनके उत्तरदायित्व टूनामेन्ट्स – नॉकआउट , लीग या राउंड रॉबिन व कॉम्बीनेशन्स फिक्स्चर तैयार करने की प्रक्रिया – नॉक – आउट ( बाई व सीडिगं ) लीग ( साइक्लिक वह स्टेयर केस ) संस्थान्तर्गत प्रतियोगिता व अंतर्विद्यालयी प्रतियोगिता , अर्थ , उद्देश्य व इसका महत्त्व विशिष्ट खेल कार्यक्रम ( खेल दिवस , स्वास्थ्य दौड़ें , मनोरंजन के लिए दौड़ें , विशिष्ट कारणों के लिए दौड़ें , एकता के लिए दौड़ें आदि के बारे में पड़ेंगे ।

Class 12 Physical Education Chapter 1 खेलों में योजना Planning in Sports Notes In Hindi

📚 अध्याय = 1 📚
💠 खेलों में योजना 💠

❇️ योजना का अर्थ :-

🔶 हरे के अनुसार :-

🔹 योजना व्यक्तित्व तथा खेल प्रदर्शन के निरंतर विकास को सुननिश्चित करने तथा उच्च प्रदर्शन प्राप्त करने में खिलाड़ी को योग्य बनाने की एक महत्त्वपूर्ण विधि है । 

🔹 खेल कार्यक्रमों की योजनाओं में धन , समय व उपकरणों की उपलब्धता के अलावा मानवीय सहयोग ( कर्मचारी , अधिकारी व खेल विशेषज्ञ ) की आवश्यक्ता पड़ती है । उन्ही के आधार पर योजना बनाई जाती है ।

❇️ योजना के उद्देश्य :-

  • अच्छा तालमेल स्थापित करता ।
  • अच्छा नियंत्रण करना ।
  • दबाव को कम करना ।
  • गलती की सम्भावना को कम करना ।
  • समय , धन तथा साधनो की बर्बादी को रोकना ।
  • निर्णय लेने की प्रक्रिया को प्रोत्साहन ।
  • रचनात्मक को बढ़ावा देना ।
  • सभी साधनों का प्रयोग प्रभावशाली तथा लाभकारी बनाना ।
  • प्रबन्धन को प्रभावशाली बनाना ।
  • बजट को सुनिश्चित करना ।

❇️ खेल समितियां :-

  • प्रतियोगिता से पूर्व
  • प्रतियोगिता के दौरान
  • प्रतियोगिता के बाद

❇️ प्रतियोगिता से पूर्व समितियों के कार्य :-

🔹 खेल प्रतियोगिता के सफल एवं सहज आयोजन के लिये विभिन्न समितियों को प्रतियोगिता से पूर्व निम्न कार्यों का विशेष ध्यान रखना होता है ।

🔶 आयोजन / प्रबंधन समिति :- यह समिति खेल प्रतियोगिता के आयोजन तथा संचालन से सबंधित सभी गतिविधियों के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार होती है यह समिति लगभग एक माह पूर्व विभिन्न समितियाँ का गठन करती है और उनकी जिम्मेदारी सुनिश्चित करती है । 

🔶 प्रचार समिति :- किसी भी प्रतियोगिता से 3 से 4 हफ्ते पहले इस समिति का कार्य होता है प्रतियोगिता की तिथि , स्थान प्रतियोगिता के कार्यक्रम के विषय में सूचना प्रसारित करें । 

🔶 क्रय समिति :- प्रतियोगिता को सफल बनाने में इस समिति का मुख्य कार्य होता है प्रतियोगिता में प्रयोग होने वाली वस्तुओं तथा उपकरणों को प्रतियोगिता से पहले खरीद लेना चाहिये तथा उनका निरिक्षण कर लेना चाहिये । 

🔶 खेल मैदान व उपकरण समिति :- यह समिति खेल प्रतियोगिता के लिये मैदान को तैयार करती है प्रतियोगिता से लगभग 2 दिन पहले मैदान तैयार हो जाने चाहिये ।

🔶 प्रतियोगिता कार्यक्रम समिति :- किसी भी प्रतियोगिता के सफल आयोजन के लिये ये समिति काफी हद तक जिम्मेदार होती है टीमों की संख्या , फिक्सचर आदि तैयार करके सभी को उपलब्धा कराना ताकि सभी समिति अपना कार्य सही ढंग से कर सकें । 

🔶 सजावट तथा समारोह समिति :- प्रतियोगिता से पूर्व यह समिति निश्चित करती है कि उसे कहाँ पर कितनी जैसे मैदान , स्टेडियम , मंच पर सजावट की आवश्यकता है । 

🔶 प्राथमिक चिकित्सा समिति :- प्रतियोगिता के समय चोट लगने पर जिस समान की आवश्यकता होती है प्रतियोगिता से पहले उस समान की व्यवस्था करना इस समिति का पहला कार्य होता है । 

🔶 वित्तीय समिति :- यह समिति प्रतियोगिता से पूर्व सभी प्रकार के व्यय का लेखा जोखा तैयार करके बजट बना लेती है कि प्रतियोगिता में किस प्रकार खर्चा करना है ।

🔶 परिवहन समिति :- प्रतियोगिता के दौरान किस प्रकार के परिवहन की और कितनी मात्र में आवश्यकता होगी यह समिति इस की रूप रेखा बनाती है । 

🔶 भोजन तथा आवास समिति :- यह समिति प्रतियोगिता पहले सुनिश्चत करती है कि टीमों को कहाँ ठहराना है खाने की व्यवस्था कहाँ करनी और कितनी लोगों की करनी है लड़के व लड़कियों के रहने की व्यवस्था अलग – अलग करनी होती है सुरक्षा का भी ध्यान रखना इस समिति का कार्य है ।

🔶 अधिकारियों के लिये समिति :- प्रतियोगिता से पहले अम्पार्यस , रफेरीज , रिकॉर्ड्स व लैप स्कोरर्स आदि का चयन करती है तथा उनकी सहमति सुनिश्चित करती है ।

❇️ प्रतियोगिता के दौरान समितियों के कार्य :-

🔹 किसी भी प्रतियोगिता को सफल बनाने के लिये जिस समिति को जो कार्य सौंपा गया है वो उसे सही ढंग से पूर्ण करें । 

🔶 आयोजन / प्रबंधन समिति :- प्रतियोगिता के दौरान इस समिति का मुख्य कार्य होता है सभी कार्यों पर नजर रखना सभी अपना कार्य सही ढंग से कर रहे है या नहीं अगर कहीं कोई कमी होती है तो उसको दूर करना भी इसी समिति का कार्य होता है । 

🔶 क्रय समिति :- प्रतियोगिता के दौरान अगर किसी उपकरण या वस्तु की आवश्यकता है तो जल्दी से जल्दी उस उपकरण या वस्तु को उपलब्ध करना क्रय समिति की जिम्मेदारी है ।

🔶 परिवहन समिति :- प्रतियोगिता सही से और समय पर सम्पन्न हो जाये परिवहन समिति इसके लिये काफी हद तक जिम्मेदार होती है टीमों को आवास स्थल तक पहुँचाने आवास से खेल मैदान तक लाने – लेजाने का कार्य इसी समिति का होता है । 

🔶 भोजन तथा आवास समिति :- प्रतियोगिता के दौरान सभी खिलाड़ियों और अधिकारियों को भोजन पहुँचाने की जिम्मेदारी इसी समिति की होती है अगर आवास स्थल पर किसी वस्तु की आवश्यकता तो उस को उपलब्ध करना भी इसी की जिम्मेदारी है । 

🔶 अधिकारियों के लिये समिति :- अगर प्रतियोगिता के दौरान किसी अधिकारी को कोई तकलीफ होती है तो उसको दूर करना अन्य अधिकारी की व्यवस्था करना इस समिति का कार्य होता है । 

🔶 खेल मैदान व उपकरण समिति :- प्रतियोगिता के दौरान इस समिति की विशेष जिम्मेदारी होती है खेल मैदान में कोई कमी है या किसी उपकरण की आवश्यकता है तो उस को समय पर उपलब्ध कराना इस समिति की जिम्मेदारी है । 

🔶 प्रतियोगिता कार्यक्रम समिति :- प्रतियोगिता के दौरान अगर किसी टीम या अधिकारी को कार्यक्रम से सम्बन्धित कोई समस्या है तो इस समिति की जिम्मेदारी है कि उसे दूर करें । 

🔶 सजावट तथा समारोह समिति :- सजावट का कार्य प्रतियोगिता आरम्भ होने से पहले ही कर लिया जाता है फिर भी अगर कोई कमी रह जाती है तो यह समिति उसे दूर करती है । 

🔶 प्राथमिक चिकित्सा समिति :- प्रतियोगिता के दौरान अक्सर खिलाड़ियों को चोट लग जाती है । ऐसे समय पर चोट ग्रस्त खिलाड़ी को जल्दी से जल्दी प्राथमिक चिकित्सा देना और अगर चोट गम्भीर है तो तुरन्त अच्छे डॉक्टर के पास ले जाना इस समिति की मुख्य जिम्मेदारी हैं ।

🔶 उद्घोषणा समिति :- प्रतियोगिता के दौरान जैसा मंच संचालन होता है कार्यक्रम भी उसी के अनुसार होता है किसका मैच होना है कौन सा इवेंट कब होना है उद्घोषणा समिति इसकी जानकारी देती है ।

❇️ प्रतियोगिता के बाद समितियों के कार्य :-

🔶 प्रचार समिति :- प्रतियोगिता के बाद प्रचार पर होने वाले खर्चे की जानकारी आयोजन समिति को देना । मीडिया को रिर्पोट भेजता है । 

🔶 क्रय समिति :- उपकरणों और वस्तुओं के खर्च की जानकारी आयोजन समिति को देना । 

🔶 वित्तीय समिति :- प्रतियोगिता में कुल आय व्यय का लेखा जोखा तैयार करना तथा बजट से समीक्षा करना ।

🔶 परिवहन समिति :- प्रतियोगिता के बाद सभी जानकारी उपलब्ध करायें । 

🔶 भोजन तथा आवास समिति :- आवास स्थल पर अगर कोई नुकसान हुआ है तो उसे ठीक कराना और सभी जानकारी आयोजन समिति को देना । 

🔶 अधिकारियों के लिये समिति :- प्रतियोगिता के बाद सभी अधिकारियों को उनका मानदेय और धन्यवाद पत्र देना ।

🔶 खेल मैदान व उपकरण समिति :- प्रतियोगिता के बाद यह समिति प्रयोग में लाये गये सभी उपकरण प्रबन्धन समिति को उपलब्ध करायेगी तथा मैदान पर अगर कोई नुकसान हुआ है तो उसे सही कराने की जिम्मेदारी भी इसी समिति की होती है ।

🔶 प्रतियोगिता कार्यक्रम समिति :- सभी टीमों को प्रमाण – पत्र देना , सारे रिकॉर्ड तैयार करना प्रतियोगिता में आयी हुई सभी टीमों से सम्बन्धिात जानकारी आयोजन समिति को देना इस समिति का कार्य होता है । 

🔶 प्राथमिक चिकित्सा समिति :- प्राथमिक चिकित्सा से सम्बन्धित सभी समान तथा जानकारी आयोजन समिति को देना । 

🔶 पुरस्कार वितरण समिति :- सजावट तथा समारोह समिति के साथ मिलकर सभी जानकारी और समान आयोजन समिति को देना । 

🔶 आयोजन प्रबंधन समिति :- सभी समितियों से रिर्पोट लेकर उस पर विचार – विर्मश करना तथा सभी जानकारी और रिर्पोट तथा रिकॉर्ड प्रशासनिक निर्देशक को उपलब्ध कराना इस समिति का प्रमुख कार्य होता है ।

❇️ टूर्नामेंट :-

🔹 टूर्नामेंट मैचों की वह श्रृंखला है , जिसके अंत में एक टीम विजयी होती है तथा बाकी सभी टीमें मैच हार जाती हैं । टूर्नामेंट आयोजन की अनेक विधियाँ हैं जो अनेक कारकों पर निर्भर करती हैं ।

🔹 जैसे – धन तथा समय की उपलब्धता , उपलब्ध मैदान , उपकरण व खेल अधिकारियों की संख्या ।

❇️ टूर्नामेंट के प्रकार :-

  • नॉक – आउट टूर्नामेंट 
  • लीग या राउंड रॉबिन टूर्नामेंट 
  • कॉम्बिनेशन टूर्नामेंट 

❇️ नॉक आउट :-

🔹 इस प्रकार की प्रतियोगिता में जो टीम हार जाती है , वह बाहर हो जाती है । केवल जीतने वाली टीमें ही प्रतियोगिता में बनी रहती है ।

❇️ नॉक आउट के लाभ :-

विजेता टीम का निर्णय बहुत जल्द हो जाता है । 

प्रतियोगिता का आयोजन सुगमता से , कम समय में किया जा सकता है । 

इस पद्धति से प्रतियोगिता बहुत कम खर्च में संपन्न हो जाती है । 

अच्छे खिलाड़ी का चुनाव आसानी से किया जा सकता है । 

टीम को अपने पूर्ण कौशल ( Skills ) से खेलना होता है । 

यदि टीम पराजित हो जाती है तो दोबारा खेलने का मौका नहीं मिलता । 

बाहर की अच्छी टीम अधिक संख्या में भाग लेती है ।

❇️ नॉक आउट की हानियाँ :-

कई बार अच्छी टीम प्रतियोगिता के पहले ही राउंड में पराजित हो जाता है जिससे अच्छे संघ फाइनल में नहीं पहुँच पाते । 

पराजित टीम को अपना कौशल दिखाने का दोबारा मौका नहीं मिल पाता , क्योंकि टीम पराजित होते ही प्रतियोगिता से बाहर हो जाती है । 

सभी टीम अपने अच्छे खिलाड़ियों को ही खेलने का मौका देती है । जिससे नए खिलाड़ियों को मौका नहीं मिल पाता । 

एक टीम को दूसरी टीम के साथ मैच खेलने के लिए काफी प्रतीक्षा करनी पड़ती है ।

❇️ लीग टूर्नामेंट :- 

🔹 लीग टूर्नामेंट में भाग लेने वाली प्रत्येक टीम , दूसरी टीम के साथ एक बार मैच अवश्य खेलती है । विजेता टीम हार जीत से प्राप्त होने वाले अंकों के आधार पर घोषित होती है । 

❇️ लीग टूर्नामेंट के प्रकार :-

🔶 सिंगल लीग टूर्नामेंट :- सिंगल लीग टूर्नामेंट में प्रत्येक टीम , प्रत्येक दूसरी टीम के साथ एक बार खेलती है ।

🔶 डबल लीग टूर्नामेंट :- डबल लीग टूर्नामेंट में प्रत्येक टीम प्रत्येक दूसरी टीम के साथ दो बार खेलती है । मैचों की संख्या निम्नलिखित फॉमूले की सहायता से निर्धारित की जाती है :- n(n-1)

❇️ लीग टूर्नामेंट के लाभ तथा हानियों :-

🔶 लाभ :-

  • टूर्नामेंट का आर्कषण अंत तक बना रहता है ।
  • सभी टीमों को खेलने का पूरा मौका मिलता है टीम को हारने के बाद भी टूर्नामेंट से बाहर नहीं किया जाता है । 

🔶 हानियाँ :-

  • धन की अधिक अवश्यकता होती है । 
  • परिणाम देर से आते है समय अधिक लगता है । 
  • खेल अधिकारी तथा खेल मैदान की आवश्यकता अधिक होती है । 
  • खेल उपकरणों को आवश्यकता अधिक होती है ।

❇️ कॉम्बिनेशन टूर्नामेंट :-

🔹 वे टूर्नामेंट हैं जिसमें कुछ चक्र नॉक आउट के आधार पर तथा कुल चक्र लीग के आधार पर खेले जाते हैं ।

❇️ कॉम्बिनेशन टूर्नामेंट :-

  • नॉक – आउट कम नॉक – आउट 
  • लीग कम लीग 
  • नॉक आउट कम लीग 
  • लीग कम नॉक – आउट 

🔶 नॉक – आउट कम नॉक – आउट :- कोम्बिनेशन के इस प्रकार में सभी टीमों को चार जोन में विभाजित कर दिया जाता है । प्राथमिक मैचों में सभी चारों जोनों की टीमें नॉक – आउट सिस्टम से खेलती हैं । प्रत्येक जोन से विजेता टीम पुन : नॉक आउट पद्धति से द्वितीयक मैच या इन्टर जोनल मैच खेलती है । चारों में से जो टीम जीतती है , वह इन्टर जोनल की फाइनल विजेता होती है ।

🔶 लीग कम लीग :- कॉम्बिनेशन के इस प्रकार में सभी टीमों को चार जोन में विभाजित कर दिया जाता है । सभी टीमें अपने – अपने जोन में लीग सिस्टम से जोनल मैच खेलती हैं । चारों जोनों से चार विजेता टीमें लीग सिस्टम से ही इन्टरजोनल मैच खेलती हैं ।

🔶 नॉक – आउट कम लीग :- कॉम्बिनेशन के इस प्रकार में भी प्रथम सभी टीमों को चार जोन में विभाजित किया जाता है । सभी टीमें अपने – अपने जोन से नॉक आउट पद्धति से जोनल मैच खेलती है । इस प्रकार प्रत्येक जोन से एक टीम विजेता बनती है । चारों जोनों की चार विजेता टीमें लीग आधार पर इन्टरजोनल मैच खेलती है । इन्टर जोनल मैच से विजेता टीम चैम्पियन बनती है ।

🔶 लीग कम नॉक – आउट :- कॉम्बिनेशन के इस प्रकार में भी सबसे पहले सभी टीमों को चार जोन में विभाजित कर लिया जाता है । सभी टीमें अपने – अपने जोन में लीग पद्धति से जोनल मैच खेलती है । इसके उपरान्त चारों जोन की विजेता टीमें नॉक – आउट पद्धति से इन्टर जोनल मैच खेलती हैं ।

❇️ संस्थान्तर्गत ( Interamural ) प्रतियोगिता :-

🔹 संस्थान्तर्गत का अर्थ है संस्था के अर्न्तगत अर्थात इसका अर्थ है संस्था की दीवारों या कैम्पस के अन्दर होने वाली क्रियाकलापे । ये क्रियाकलापे केवल संस्था या स्कूल के विद्यार्थियों के लिए ही आयोजित की जाती है । इन गतिविधियों में दूसरे विद्यालय का कोई भी विद्यार्थी भाग नहीं ले सकता । 

🔹 वास्तव में संस्थान्तर्गत प्रतियोगिता एक संस्थान के सभी विद्यार्थियों को खेलों में भाग लेने के लिए अभिप्रेरित करने वाले सर्वोत्तम साधनों में से एक है । 

🔹 ” प्रत्येक विद्यार्थी खेल के लिए है तथा प्रत्येक खेल प्रत्येक विद्यार्थी के लिए है ” यह संस्थान्तर्गत का आदर्श वाक्यांश हो सकता है इसमें कोई सन्देह नहीं है कि नियमित शारीरिक शिक्षा के कार्यक्रम विद्यार्थियों में अच्छी आदतों , कौशलो , ज्ञान व अन्य सामाजिक गुणों को विकसित कर रहे हैं ।

❇️ अंतर्विद्यालयीन प्रतियोगिता ( एक्ट्राम्यूरल ) का अर्थ :-

🔹 एक्स्ट्राम्यूरल शब्द लैटिन भाषा के दो शब्दों ‘ एक्स्ट्रा ‘ अर्थात् ‘ बाहर ‘ ‘ म्यूरिल ‘ अर्थात् ‘ चारदीवारी ‘ से मिलकर बना है । इस प्रकार से इसका शाब्दिक अर्थ हुआ चारदीवारी के बाहर । अर्थात् ” वह खेल गतिविधियाँ जो विद्यालय की चारदीवारी अर्थात् कैम्पस् से बाहर खेली जाती है । एक्स्ट्राम्यूरल या अंतर्विद्यालयीन प्रतियोगिताएँ कहलाती हैं । 

🔹 ” अन्तर्विद्यालयीन प्रतियोगिता के अंतर्गत खेल – कूद प्रतियोगिताओं का आयोजन दो या दो से अधिक विद्यालय के बीच होता है इस प्रकार के आयोजन से विद्यालयों में तथा विद्यार्थियों में पारस्परिक संबंध स्थापित होते हैं ।

🔹 इनसे विद्यालय और विद्यार्थी , विजय प्राप्त करके समाज में अपना गौरव प्राप्त करते हैं । यह कौशल विद्यार्थी , विद्यालय से सीखते हैं । इससे विद्यालय के प्रति अभिमान जागृत होता है । सभी विद्यालय और संस्थाएँ समाज में अपने आपको लोकप्रिय बनाना चाहते हैं जिसका एक मात्र माध्यम , अंतर्विद्यालयीन प्रतियोगिताएँ हैं ।

❇️ संस्थान्तर्गत ( Interamural ) प्रतियोगिता :-

🔹 संस्थान्तर्गत का अर्थ है संस्था के अर्न्तगत अर्थात् इसका अर्थ हैं संस्था की दीवारों या कैम्पस के अन्दर होने वाली क्रियाकलापे । ये क्रियाकलापे केवल संस्था या स्कूल के विद्यार्थियों के लिए ही आयोजित की जाती है । 

🔹 इस गतिविधियों में दूसरे विद्यालय का कोई भी विद्यार्थी भाग नहीं ले सकता । वास्तव में संस्थान्तर्गत प्रतियोगिता एक संस्थान के सभी विद्यार्थियों को खेलों में भाग लेने के लिए अभिप्रेरित करने वाले सर्वोत्तम साधनों में से एक है । 

🔹 ” प्रत्येक विद्यार्थी प्रत्येक खेल के लिए है तथा प्रत्येक खेल प्रत्येक विद्यार्थी के लिए है ” यह संस्थान्तर्गत का आदर्श वाक्यांश हो सकता है इसमें को सन्देह नहीं है कि नियमित शारीरिक शिक्षा के कार्यक्रम विद्यार्थियों में अच्छी आदतों , कौशलो , ज्ञान व अन्य सामाजिक गुणों को विकसित कर रहे हैं । 

❇️ संस्थान्तर्गत का महत्त्व :-

🔹  संस्थान्तर्गत गतिविधियों विद्यालय का संस्थान की प्रत्येक कक्षा के प्रत्येक विद्यार्थी के लिए आवश्यक होती है । निम्न बिन्दु इसके महत्त्व को प्रदशित करते हैं ।

विद्यार्थियों के शारीरिक , मानसिक , भावनात्मक व सामाजिक विकास के लिए इन्ट्राम्यूरल्स अतिआवश्यक है । 

ये कार्यक्रम विद्यार्थियों के आचरिक व नैतिक मूल्यों पर भी बल देते है । 

संस्थान्तर्गत प्रतियोगिताएँ बच्चों के स्वास्थ्य के विकास के लिए आवश्यक है । 

ये कार्यक्रम बच्चों की लड़ाकू प्रवृत्ति को शान्त करने के लिए भी जरूरी है । 

ये कार्यक्रम बच्चों को तरोताजा रखते है तथा उन्हें चुस्त ( Agile ) बनाते है । 

संस्थान्तर्गत प्रतियोगिताएँ बच्चों को अधिक से अधिक मनोरजन प्रदान करते हैं । 

विद्यार्थियों को खेलों में भाग लेने के प्रचुर अवसर प्रदान करते है । 

विद्यार्थियों में नेतृत्व के गुणों को विकसित करने के लिए भी आवश्यक होते है ।

❇️ विशिष्ट खेल कार्यक्रम :-

🔹 विशिष्ट खेल प्रतियोगिताओं से अभिप्राय खेल प्रतियोगिताओं से अलग कार्यक्रम से है । इन कार्यक्रमों को उद्देश्य समाज में सकता , स्वास्थ्य का बढ़वा देना , बीमारियों से बचाव , बीमारियों के बारे में जागृति तथा धमार्थ संस्थाओं के लिये धन संचय करना होता है ।

❇️ विशिष्ट खेल कार्यक्रम :-

  • खेल दिवस
    • ( A ) स्कूल – वार्षिक खेल दिवस 
    • ( B ) राष्ट्रीय खेल दिवस 
  • स्वास्थ्य दौड़े 
  • मनोरंजन के लिये दौड़ 
  • विशिष्ट कारणों के लिये दौड़ 
  • एकता के लिये दौडे

❇️ खेल दिवस :-

🔹 विद्यालयो द्वारा प्रत्येक वर्ष बच्चों के सर्वागीण विकास के लिए खेल दिवस का आयोजन किया जाता है । खेल दिवस के उद्घाटन या समापन समारोह में विद्यार्थियों द्वारा विशेष प्रदर्शन जैसे डम्बल , मास पी . टी . लेजियम , पिरामिड , एरोबिक , नृत्य व गायन तथा योगासन का प्रदर्शन भी किया जाता है । खेल दिवस से भविष्य की प्रतियोगिताओं के लिए उत्कृष्ट खिलाड़ियों के चयन का अवसर मिलता है ।

❇️ स्वास्थ्य दौड़े :- 

🔹 इन दौड़ो का आयोजन स्वास्थ्य विभाग , खेल विभाग या सामाजिक संगठनों द्वारा कराया जाता है । इनका मूल उद्देश्य राष्ट्र में स्वास्थ्य के स्तर में वृद्धि करना होता है इन दौड़ो के लिए विधि तथा समय काफी पहले ही निर्धारित हो जाता है जिसके लिए धावक या प्रतियोगी को पंजीकरण पहले ही करवाना होता है । इसमें आयु सीमा निर्धारित नहीं होती लेकिन कुछ स्वास्थ्य सम्बन्धी सावधानियाँ बरती जाती है । 

❇️ रन फॉर फन :-

🔹 अधिक से अधिक संख्या में लोगो को स्वास्थ्य एवं क्षमता के साथ हैल्दी एंड फिट रहने के संदेश को फैलाने के उद्देश्य के साथ आयोजित किए जाते है इन दौड़ों के दौरान उछल कूद व आनन्द करना मुख्य होता है इसका एक उद्देश्य होता है वह है दान या खैरात के लिए धन अर्जित करना । 

❇️ विशिष्ठ कारणों के लिए दौड़ :-

🔹 विशिष्ठ कारणों के लिए दौड़ वह दौड़ होती है , जो अच्छे श्रेष्ठ व उदार कारणों से संबंधित होती है इसका उद्देश्य विशिष्ठ कार्य के लिए धन अर्जित करना भी होता है लेकिन कारण अच्छा होना चाहिए इसका आयोजन प्रायः सामाजिक संगठन ही करते है दौड़ को आकर्षक बनाने के लिए इसमें जाने – माने खिलाड़ीयों , कलाकारों , अभिनेताओं जानी – मानी हस्तियों के भाग लेने का प्रयास किया जाता है ।

❇️ एकता के लिए दौड़े :-

🔹 इसका उद्देश्य विभिन्न धर्मो के लोगों में शान्ति शक्ति व एकता स्थापित करना होता है । इसका उद्देश्य राष्ट्रीय एकता अन्तरराष्ट्रीय एकता , भाईचारा बढ़ाना भी हो सकता है इस दौड़ के दौरान सभी वर्ग अपने में एकता महसूस करते है ।

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