जनसंपर्क साधन और जनसंचार class 12 Notes, जनसंचार के माध्यम class 12 project

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12 Class Sociology – II Chapter 7 जनसंपर्क साधन और जनसंचार Notes In Hindi Mass Media and Communications

TextbookNCERT
ClassClass 12
SubjectSociology 2nd Book
Chapter Chapter 7
Chapter Nameजनसंपर्क साधन और जनसंचार
Mass Media and Communications
CategoryClass 12 Sociology Notes in Hindi
MediumHindi

जनसंपर्क साधन और जनसंचार class 12 Notes, जनसंचार के माध्यम class 12 project जिसमे हम मास मीडिया , इलेक्ट्रानिक मीडिया , प्रिन्ट मीडिया , सोप ओपेरा  रेडियो , टेलीविजन , मुद्रण माध्यम आदि के बारे में पड़ेंगे ।

Class 12 Sociology – II Chapter 7 जनसंपर्क साधन और जनसंचार Mass Media and Communications Notes In Hindi

📚 अध्याय = 7 📚
💠 जनसंपर्क साधन और जनसंचार 💠

❇️ मास मीडिया :-

🔹 मास मीडिया यानि जन संपर्क के साधन टेलीविजन , समाचार पत्र , फिल्में , रेडियों विज्ञापन , सी.डी आदि । ये बहुत बड़ी जनसंख्या को प्रभावित करते हैं समाज पर इसके प्रभाव दूरगामी हे । इसमें विशाल पूंजी , संगठन तथा औपचारिक प्रबन्धन की आवश्यकता है । मास मीडिया हमारे दैनिक जीवन का एक अंग है ।

❇️ आधुनिक मास मीडिया का प्रारंभ :-

🔹 पहली आधुनिक मास मीडिया की संस्था का प्रारंभ प्रिंटिंग प्रेस के विकास के साथ हुआ । यह तकनीक सर्वप्रथम जोहान गुटनबर्ग द्वारा 1440 में विकसित की गई । औद्योगिक क्रांति के साथ ही इसका विकास हुआ । समाचार – पत्र जन – जन तक पहुँचने लगे । 

🔹 देश के विभिन्न भागों में रहने वाले लोग परस्पर जुड़ा हुआ महसूस करने लगे और उनमें ‘ हम की भावना ‘ विकसित हो गई । इससे राष्ट्रवाद का विकास हुआ और लोगों के बीच मैत्री भाव उत्पन्न होने लगे । इस प्रकार एंडरसन ने राष्ट्र को एक काल्पनिक समुदाय मान लिया है ।

❇️ औपनिवेशिक काल में मास मीडिया :-

🔹 भारतीय राष्ट्रवाद का विकास उपनिवेशवाद के विरूद्ध उसके संघर्ष के साथ गहराई से जुड़ा है । औपनिवेशिक सरकार के उत्पीड़क उपायों का खुलकर विरोध करने वाली राष्ट्रवादी प्रेस ने उपनिवेश विरोधी जनमत जागृत किया गया और फिर उसे सही दिशा भी दी ।

🔹 औपनिवेशिक सरकार ने राष्ट्रवादी प्रेस पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया । रेडियो पूर्ण रूप से सरकार के स्वामित्व में था । उस पर राष्ट्रीय विचार अभिव्यक्त नहीं किए जा सकते थे ।

🔹 राष्ट्रवादी आंदोलन को समर्थन देने के लिए ‘ केसरी ‘ ( मराठी ) मातृभूमि ( मलायम ) ‘ अमृतबाजार पत्रिका ( अंग्रेजी ) छपना प्रारंभ हुई ।

❇️ स्वतंत्र भारत में मास मीडिया :-

🔹 हमारें पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने मीडिया को “ लोकतंत्र के पहरेदार ” की भूमिका दी । ये लोगों में राष्ट्र विकास तथा आत्मनिर्भरता की भावना भरे , सामाजिक कुरीतियों को दूर करने को कहा , औद्योगिक समाज को तर्क संगत तथा आधुनिकता की ओर बढ़ने की प्रेरणा दी ।

❇️ मनोरंजन क्रांति :-

🔹 सूचना प्रौद्योगिकी में क्रांति के कारण मनोरंजन के क्षेत्र में जो क्रांति आई, उसे मनोरंजन क्रांति के रूप में जाना जाता है । अब लोग टेलीविजन, कंप्यूटर, इंटरनेट आदि से जुड़ गए हैं और इस प्रक्रिया ने उनके जीवन को बदल दिया है ।

❇️ मीडिया के प्रकार :-

🔹 मीडिया के दो प्रकार है ।

  • इलेक्ट्रानिक मीडिया 
  • प्रिन्ट मीडिया

❇️ रेडियो ( इलेक्ट्रानिक मीडिया ) :-

🔹 1920 में कलकत्ता तथा चेन्नई से हैम्ब्राडकास्टिंग क्लब ने भारत में शुरू किया । शुरू में केवल छः स्टेशन थे । समाचार प्रसारण आकाशवाणी द्वारा तथा मनारंजन कार्यक्रम विविध भारती चैनल द्वारा प्रसारित होते थे । 1960 के दशक में हरित क्रांति के कार्यक्रम प्रसारित किए गये । इसके बाद जरूरत के अनुसार राष्ट्रीय , क्षेत्रीय तथा स्थानीय स्तरों पर सेवाएं शुरू की गई ।

❇️ ग्रामीण लोगों के लिए रेडियो लाभ :-

🔹 ग्रामीण लोगों के लिए कई रेडियो कार्यक्रम प्रसारित किए जाते हैं जिसमें उन्हें पशुपालन के वैज्ञानिक तरीकों, सिंचाई प्रणाली, कृषि के नए तरीकों और भंडारण और वितरण के नए तरीकों के बारे में बताया जाता है । उन्हें सलाह दी जाती है कि वे अपने कृषि उत्पादन में सुधार के लिए इस पद्धति का उपयोग करें ।

❇️ टेलीविजन ( इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ) :-

🔹 1959 में ग्रामीण विकास की भावना के साथ इसकी शुरूआत हुई । 1975-76 में उपग्रह की सहायता से ग्रामीण क्षेत्रों में समुदायिकक शिक्षा का कार्यक्रम शुरू किया गया । दिल्ली , मुम्बई , श्रीनगर तथा अमृतसर में केन्द्र बनाए गए । 

🔹 इसके बाद कोलकता , चेन्नई तथा जालन्धर केन्द्र शुरू किए गये । विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों को शुरूआत की वाणिज्यिक विज्ञापनों ने लोकप्रियता को बढ़ावा दिया । ” हम लोग ” और “ बुनियाद ” जैसे सोप ओपेरा प्रसारित किए गए ।

❇️ सोप ओपेरा :-

🔹 वे धारावाहिक जो टी.वी. पर साल दर साल प्रसारित होते रहते है जब तक टी.वी. चैनल उन्हें खत्म नहीं करते ।

❇️ मुद्रण माध्यम ( प्रिन्ट मीडिया ) :-

🔹 शुरू में सामाजिक आन्दोलन , फिर राष्ट्र निर्माण में भागीदारी । 1975 में सैंसरशिप व्यवस्था तथा 1977 में पुनः बहाली । इसके प्रभाव आर्थिक , राजनीतिक , सामाजिक तथा सांस्कृतिक पक्षों पर महत्वपूर्ण है । उदाहरण :- समाचार पत्र पत्रिका आदि । 

❇️ भारत में प्रकाशित होने वाले 10 प्रमुख समाचार पत्रों के नाम :-

  • पंजाब केसरी
  • दैनिक भास्कर
  • नव भारत टाइम्स
  • हिंदुस्तान टाइम्स
  • अमर उजाला
  • हिंदुस्तान
  • द ट्रिब्यून
  • टाइम्स ऑफ इंडिया
  • दैनिक जागरण
  • इकोनॉमिक टाइम्स ।

❇️ भूमंडलीकरण तथा मीडिया :-

🔹 1970 तक सरकार के नियमों का पालन किया गया । इसके बाद बाजार तथा प्रौद्योगिकी आदि ने रूप बदल दिया है । भूमंडलीकरण के कारण प्रिंट मीडिया , रेडियो , इलैक्ट्रॉनिक मीडिया में परिवर्तन हुए ।

❇️ मुद्रण माध्यम ( प्रिंट मीडिया ) :-

🔹 नई प्रौद्योगिकियों ने समाचार पत्रों के उत्पादन ओर प्रसार को बढ़ावा दिया । बड़ी संख्या में चमकदार पत्रिकाएँ भी बाजार में आ गई है ।

🔹 भारतीय भाषाओं के समाचार पत्रों में आश्चर्यजनक वृद्धि हुई है ।

🔹 कारण :- 

  • साक्षर लोगों में वृद्धि ।
  • छोटे कस्बों ओर गाँवों में पाठको की आवश्यकताएँ शहरी पाठकों से भिन्न होती है और भारतीय समाचार पत्र इसे पूरा करते है ।

❇️ टेलीविजन :-

🔹 1991 में भारत में केवल एक ही राज्य नियंत्रित टीवी चैनल दूरदर्शन था ।

🔹 अब गैर सरकारी चैनलों की संख्या कई गुणा बढ़ गई है ।

🔹 1980 के दशक में एक ओर जहाँ दूरदर्शन तेजी से विस्तृत हो रहा था , वही केवल टेलीविजन उद्योग भी भारत के बड़े – बड़े शहरों में तेजी से पनपता जा रहा था ।

🔹 बहुत से विदेशी चैनल जैसे सोनी , स्टार प्लस , स्टार नेटवर्क आदि पूर्ण रूप से हिंदी चैनल बन गए ।

🔹 अधिकांश चैनल हफ्ते में सातो दिन , और दिन में चौबीसों घंटे चलते है । रिएलिटी शो वार्ता प्रदर्शन , हँसी – मजाक के प्रदर्शन बड़ी संख्या में हो रहे हैं ।

🔹 कौन बनेगा करोड़पति , बिग बॉस , इंडियन आइडल जैसे वास्तविक प्रदर्शन दिन भर दिन लोकप्रिय होते जा रहे है । 

❇️ रेडियो :-

🔹 2000 में आकाशवाणी के कार्यक्रम भारत के सभी दो तिहाई घरों में सुने जा सकते थे ।

🔹 2002 में गैर सरकारी स्वामित्व वाले एफ . एम रेडियो स्टेशनों की स्थापना से रेडियो पर मनोरंजन के कार्यक्रमों में बढ़ोतरी हुई । ये श्रोताओं को आकर्षित कर उनका मनोरंजन करते थे ।

🔹 एफ.एम. चैनलों को राजनीतिक समाचार बुलेटिन प्रसारित करने की अनुमति नहीं है ।

🔹 अपने श्रोताओं को लुभाने के लिए दिन भर हिट गानों को प्रसारित करते है जैसे रेडियों मिर्ची ।

🔹 दो फिल्मों ” रंग दे बसंती ” और ” मुन्ना भाई ” में रेडियों को संचार के सक्रिय माध्यम के रूप में इस्तेमाल किया गया है ।

🔹 भारत में एफ . एम . चैनलों को सुनने वाले घरों की संख्या ने स्थानीय रेडियों द्वारा नेटवर्को का सीन ले लेने की विश्वयापी प्रवृत्ति को बल दिया ।

❇️ शिक्षा के क्षेत्र में जनसंचार माध्यमो योगदान :-

🔹 शिक्षा के क्षेत्र में जनसंचार का बहुत बड़ा योगदान है । यूजीसी हमेशा दिल्ली दूरदर्शन पर अपने कार्यक्रम चलाता है जिसके माध्यम से बच्चों और युवाओं को शिक्षा दी जाती है । इसके अलावा, बच्चों के लिए शैक्षिक कार्यक्रम हमेशा तैयार किए जा रहे हैं । यूजीसी हमेशा उच्च शिक्षा के कार्यक्रमों की व्यवस्था करता है ताकि युवाओं को जानकारी दी जा सके ।

🔹 इन सभी कार्यक्रमों का दूरदर्शन पर प्रसारण किया जा रहा है । दूरदर्शन को छोड़कर, कई अन्य शैक्षिक चैनल डिस्कवरी चैनल, नेशनल ज्योग्राफिक चैनल, हिस्ट्री चैनल, एनिमल प्लैनेट चैनल आदि जैसे अपने कार्यक्रम चला रहे हैं । हिस्ट्री चैनल हमेशा दुनिया के विभिन्न हिस्सों के इतिहास से संबंधित कार्यक्रमों का प्रसारण करता है और ये बहुत हैं बच्चों के लिए उपयोगी । समाचार पत्र और पत्रिकाएँ बच्चों के ज्ञान को बढ़ाने में सहायक होती हैं । इस प्रकार शिक्षा के क्षेत्र में जनसंचार के साधनों का बहुत बड़ा योगदान है ।

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