संविधान निर्माण class 9 notes, Class 9 civics chapter 2 notes in hindi

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9 Class Political Science Chapter 2 संविधान निर्माण Notes In Hindi Constitutional Design

TextbookNCERT
ClassClass 9
SubjectPolitical Science
Chapter Chapter 2
Chapter Nameसंविधान निर्माण 
Constitutional Design
CategoryClass 9 Political Science Notes in Hindi
MediumHindi

संविधान निर्माण class 9 notes, Class 9 civics chapter 2 notes in hindi जिसमे हम संविधान , रंगभेद , दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद , दक्षिण अफ्रीका का स्वतंत्रता संग्राम , संविधान की आवश्यकता , संविधान के प्रमुख कार्य , भारतीय संविधान का निर्माण , भारतीय संविधान सभा आदि के बारे में पड़ेंगे ।

Class 9 Political Science Chapter 2 संविधान निर्माण Constitutional Design Notes In Hindi

📚 अध्याय = 2 📚
💠 संविधान निर्माण 💠

❇️ संविधान :-

🔹 संविधान लिखित नियमों की एक ऐसी किताब है जिसे किसी देश में रहने वाले लोग सामूहिक रूप से मानते है । संविधान सर्वोच्च कानून है ।

🔹 संविधान लोगों के बीच आपसी सम्बन्ध तथा लोंगों और सरकार के बीच के सम्बन्ध तय करता है ।

❇️ रंगभेद :-

🔹 रंगभेद नस्ली भेदभाव पर आधारित उस व्यवस्था का नाम है जो दक्षिण अफ्रीका में विशिष्ट तौर पर चलायी गई , दक्षिण अफ्रीका पर यह व्यवस्था यूरोप के गोरे लोगों ने लादी थी ।

❇️ दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद :-

🔹 17वी ओर 18वी शताव्दी में व्यापार करने आई यूरोप की कम्पनियों ने दक्षिण अफ्रीका को गुलाम बनाया और काफी बड़ी संख्या में यहाँ गोरे लोग बस गए और यहाँ के स्थानीय काली चमड़ी वाले लोगों के साथ रंगभेद शुरू कर दिया ।

❇️ रंगभेद की नीति के अंतर्गत अश्वेतों पर प्रतिबंध :-

गोरो की बस्तियों में बसने की इजाजत नहीं थी । 

परमिट होने पर ही वहाँ काम करने जा सकते हैं । 

काले लोग गोरों के लिए आरक्षित स्थानों पर नहीं जा सकते थे । इसमें गोरों के गिरजाघर भी सम्मिलित थे । 

अश्वेतों को संगठन बनाने और इस भेदभावपूर्ण व्यवहार का विरोध करने का भी अधिकार न था । 

❇️ दक्षिण अफ्रीका का स्वतंत्रता संग्राम :-

🔹 अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस के झंडे तले दक्षिण अफ्रिकियों ने 1950 से ही गोरों के विरुद्ध आजादी की लड़ाई लड़ी , आखिरकार 26 अप्रैल 1994 को दक्षिण अफ्रीका गणराज्य का नया झंडा लहराया और यह एक लोकतांत्रिक देश बन गया ।

यूरोपीय अल्पसंख्यक गोरों की सरकार स्थानीय काले लोगों पर अत्याचार करती रहीं । 

दक्षिण अफ्रीकी नेता नेल्सन मंडेला ने रंगभेद से चलने वाली शासन की व्यवस्था के विरुद्ध आवाज उठाई

अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस के झंडे तले गोरों के विरुद्ध मजदूर संघटन और कम्यूनिस्ट पार्टी भी शामिल ।

1994 में चुनाव की घोषणा की गई जिसमें लोकप्रिय अफ्रीकी नेता नेल्सन मंडेला की जीत हुई , उन्हें स्वतंत्र दक्षिण अफ्रीका का पहला राष्ट्रपति चुना गया ।

❇️ नेल्सन मंडेला पर मुकदमा :-

🔹 नेल्सन मंडेला पर देशद्रोह के आधार पर मुकदमा चलाया गया । 

🔹 नेल्सन मंडेला को 7 अन्य नेताओं सहित 1964 में देश में रंगभेद से चलने वाली शासन व्यवस्था का विरोध करने के लिए आजीवन कारावास की सजा दी गई , वह 28 वर्षों तक दक्षिण अफ्रीका की सबसे भयावह जेल , रोब्बेन द्वीप की जेल में रहे ।

❇️ नेल्सन मंडेला द्वारा लिखित आत्मकथा :-

🔹 नेल्सन मंडेला द्वारा लिखित आत्मकथा का नाम ‘ द लांग वॉक टू फ्रीडम ‘ है ।

❇️ अफ्रीका का संविधान :-

🔹 अफ्रीका का संविधान इतिहास और भविष्य दोनों की बातें करता है । एक तरफ तो यह एक पवित्र समझौता है कि दक्षिण अफ्रीकी के रूप में हम एक दूसरे से यह वादा करते हैं कि हम अपने रंग भेजी क्रूर और दमनकारी इतिहास को फिर से दोहराने की अनुमति नहीं देंगे ।

🔹 यह अपने देश को इसके सभी लोगों द्वारा वास्तविक अर्थों में साझा करने का घोषणा पत्र भी है । श्वेत और अश्वेत , स्त्री और पुरुष यह देश पूर्ण रूप से हम सभी का है । 

🔹 2 वर्षों की चर्चा और बहस के बाद 1994 तक जिस देश की दुनिया भर में लोकतांत्रिक तौर – तरीकों के लिए निंदा की जाती थी , आज उसे लोकतंत्र के मॉडल के रूप में देखा जाता है ।

❇️ संविधान की आवश्यकता :-

लोकतान्त्रिक सरकार का निर्माण और उसके कार्य तय करने के लिए । 

सरकार के विभिन्न अंगो के अधिकार क्षेत्र तय करने के लिए । 

सरकार को अपनी शक्तियों के दुरूपयोग से रोकने के लिए । 

नागरिकों के अधिकार सुरक्षित करने के लिए । 

अच्छे समाज के गठन के लिए ।

❇️ संविधान के प्रमुख कार्य :-

साथ रह रहे विभिन्न तरह के लोगों के बीच जरूरी भरोसा और सहयोग विकसित करना । 

स्पष्ट करना की सरकार का गठन कैसे होगा और किसे फैसले लेने का अधिकार होगा । 

सरकार के अधिकारों की सीमा तय करना और नागरिकों के अधिकार बताना । 

अच्छे समाज के गठन के लिए लोगों की आकांक्षाओं को व्यक्त करना ।

❇️ भारतीय संविधान का निर्माण :-

भारत जैसे विशाल व विविधता भरे देश के लिए संविधान बनाना आसान नहीं था ।

1858 के बाद से, ब्रिटिश सरकार ने भारत सरकार के लिए कई अधिनियम पारित किए, लेकिन भारतीय आकांक्षाओं को पूरा नहीं कर सके ।

देश ने धर्म के आधार पर हुये बँटवारे की विभीषिका झेली थी।

1928 में मोतीलाल नेहरू और कांग्रेस के 8 अन्य नेताओं ने भारत का संविधान लिखा था।

1931 में कराची में हुये भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में प्रस्ताव ये भी रखा गया कि आजाद भारत का संविधान कैसा होगा ।

इन दोनों ही दस्तावेजों में स्वतंत्र भारत के संविधान में सार्वभौम वयस्क मताधिकार, स्वतन्त्रता और समानता का अधिकार और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की बात भी कही गयी थी ।

इस तरह से भारतीय संविधान का नीव रखा गया था ।

हालाँकि उस समय ब्रिटीशों का शासन था तो भारत के राजनीति विशेषज्ञ हर कुछ नहीं कर सकते थे ।

उन्हें धीरे-धीरे सभी कार्यसभाओं में भाग लेने का अवसर मिलने लगा ।

❇️ संविधान सभा :-

🔹 चुने गए जनप्रतिनिधियों की जो सभा संविधान नामक विशाल दस्तावेज़ को लिखने का काम करती है उसे संविधान सभा कहते हैं ।

❇️ भारतीय संविधान सभा :-

भारतीय संविधान सभा के लिए जुलाई 1946 में चुनाव हुए थे । 

संविधान सभा की पहली बैठक दिसंबर 1946 को हुई थी । 

इसके तत्काल बाद देश दो हिस्सों – भारत और पाकिस्तान में बँट गया । 

संविधान सभा भी दो हिस्सों में बँट गई – भारत की संविधान सभा और पाकिस्तान की संविधान सभा

भारत का संविधान लिखने वाली सभा में 299 सदस्य थे जिन्होंने 26 नवम्बर 1949 में अपना कार्य पूरा कर लिया ।

प्रारूप कमेटी के अध्यक्ष डॉ भीम राव अंबेडकर ने चर्चा के लिए एक प्रारूप संविधान बनाया ।

प्रत्येक धारा पर 2000 से ज्यादा संसोधनों पर चर्चा हुआ ।

3 वर्षों में कुल 114 दिनों की गंभीर चर्चा हुयी। और उन चर्चा को रेकॉर्ड भी किया गया और संभाला गया ।

इन्हें Constituent Assembly Debates नाम से 12 मोटे खंडों में प्रकाशित किया गया ।

इन्हीं बहसों से हर प्रावधान के पीछे की सोंच और तर्क को समझा जा सकता है ।

❇️ भारतीय संविधान लागू :-

🔹 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ इसीलिए इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं ।

❇️ भारतीय संविधान की विशेषताएँ :-

  • संघीय सरकार 
  • संसदात्मक सरकार
  • प्रभुत्व संपन्न लोकतान्त्रिक राज्य
  • पंथ निरपेक्ष राज्य 
  • मूल अधिकार
  • स्वतंत्र और निष्पक्ष नियायपालिका
  • राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत

❇️ संविधान संशोधन :-

🔹 देश के सर्वोच्च विधायी संस्था द्वारा उस देश के संविधान में किए जाने वाले बदलाव को संविधान संशोधन कहते है ।

❇️ संविधान का दर्शन :-

संविधान की शुरुआत बुनियादी मूल्यों की एक छोटी सी उद्देशिका के साथ होती है । इसे संविधान की प्रस्तावना या उद्देशिका कहते हैं जिसे पूरे संविधान का निर्माण हुआ है ।

जिन मूल्यों ने स्वतन्त्रता संग्राम की प्रेरणा दी और उसे दिशा निर्देश दिये तथा जो इस क्रम में जांच-परख लिए गए वे ही भारतीय लोकतंत्र का आधार बना । भारतीय संविधान की प्रस्तावना में इन्हें शामिल किया गया ।

भारतीय संविधान की सारी धाराएँ इन्हीं के अनुरूप बनी है ।

इसके सहारे परखा जा सकता है कि कौन कानून, कौन फैसला अच्छा या बुरा है । इसमें भारतीय संविधान की आत्मा बसती है ।

❇️ भारतीय संविधान को दिशा देने वाले शब्द :-

🔶 पंथ निरपेक्ष :- नागरिकों को किसी भी धर्म को मानने की पूरी स्वतंत्रता है , लेकिन कोई धर्म अधिकारिक नहीं । 

🔶 गणराज्य :- शासन का प्रमुख लोगों द्वारा चुना हुआ व्यक्ति होगा । 

🔶 लोकतंत्रात्मक :- सरकार का एक ऐसा स्वरूप जिसमें लोगों को समान राजनैतिक अधिकार प्राप्त रहते हैं ।

🔶  समता :- कानून के समक्ष सभी लोग बराबर हैं । 

🔶 बंधुता :- हम सब ऐसा आचरण करें जैसा के एक परिवार के सदस्य हों । कोई भी नागरिक किसी दूसरे नागरिक को अपने से कमतर न माने ।

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