9 Class Political Science Chapter 3 चुनावी राजनीति Notes In Hindi Electoral Politics
Textbook | NCERT |
Class | Class 9 |
Subject | Political Science |
Chapter | Chapter 3 |
Chapter Name | चुनावी राजनीति Electoral Politics |
Category | Class 9 Political Science Notes in Hindi |
Medium | Hindi |
Class 9 Political Science Chapter 3 चुनावी राजनीति Notes In Hindi
Class 9 Political Science Chapter 3 चुनावी राजनीति Electoral Politics Notes In Hindi
📚 अध्याय = 3 📚
💠 चुनावी राजनीति 💠
❇️ हमे चुनाव की जरूरत क्यों होती है ?
🔹 हमें चुनाव की जरूरत इसलिए होती है क्योकि चुनाव के द्वारा हम अपने शासक खुद चुन सकते है / इसलिए ज्यादातर लोकतांत्रिक शासन व्यवस्थाओं में लोग अपने प्रतिनिधियो के माध्यम से ही शासन करते है ।
❇️ चुनाव :-
🔹 चुनाव लोकतंत्र का एक अभिन्न अंग होता है क्योंकि चुनावों के माध्यम से ही लोग अपने जनप्रतिनिधियों को चुनते है ताकि सरकार का गठन हो और बाकी कामकाज हों । भारत में चुनाव किसी उत्सव से कम नहीं होते हैं ।
❇️ आम चुनाव :-
🔹 पाँच साल बाद सभी चुने हुए प्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त हो जाता है , लोकसभा और विधानसभाएँ भंग हो जाती हैं , फिर सभी चुनावी क्षेत्रों में होने वाला चुनाव ‘ आम चुनाव ‘ कहलाता है ।
❇️ उपचुनाव :-
🔹 किसी क्षेत्र के सदस्य की मृत्यु या इस्तीफे से खाली सीट के लिए चुनाव ‘ उपचुनाव ‘ कहलाता है ।
❇️ लोकतान्त्रिक चुनावों के लिए ज़रूरी न्यूनतम शर्तें :-
- हर किसी को मताधिकार ।
- चुनावों में विकल्प उपलब्ध ।
- चुनाव का अवसर नियमित अंतराल पर ।
- वास्तविक चुनाव ।
- स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव ।
❇️ निर्वाचन प्रक्रिया के विभिन्न चरण :-
- चुनाव की घोषणा ।
- प्रत्याशियों का चयन ।
- नामांकन पत्र भरना ।
- चुनाव , चिन्हों का आबंटन ।
- राजनीतिक दलों द्वारा चुनावी घोषणा पत्र जारी करना ।
- चुनाव अभियान ।
- मतदान ।
- मतों की गणना ।
- परिणामों की घोषणा ।
❇️ राजनीतिक प्रतिस्पर्धा :-
🔹 चुनाव सभी प्रतिस्पर्धा के बारे में हैं । प्रतिस्पर्धा के बिना चुनाव अर्थहीन हो जाएगा । राजनीतिक प्रतिस्पर्धा तब होती है जब विभिन्न राजनीतिक दल विश्वास हासिल करने और अंततः मतदाताओं का वोट हासिल करने के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं । वे वादे करते हैं और मतदाताओं को प्रेरित करने के लिए प्रोत्साहन देते हैं ।
❇️ चुनावी प्रतियोगिता के दोष :-
- यह हर इलाके में एकता और गुटबाजी (समूहवाद) और पार्टी-राजनीति की भावना पैदा करता है ।
- विभिन्न राजनीतिक दल और उम्मीदवार अक्सर चुनाव जीतने के लिए बूथ कैप्चरिंग जैसी गंदी चाल का इस्तेमाल करते हैं ।
- चुनावी लड़ाई जीतने का दबाव उपयोगी दीर्घकालिक नीतियां बनाने की अनुमति नहीं देता है ।
- प्रतियोगिता अस्वस्थ प्रतिस्पर्धा में घसीटे जाने के विचार की ओर ले जाती है। इसलिए अच्छे लोग प्रवेश नहीं करते हैं और राजनीतिक प्रतिस्पर्धा में भाग नहीं लेते हैं ।
❇️ चुनावी प्रतियोगिता के गुण :-
- नियमित चुनावी प्रतियोगिता राजनीतिक दलों और नेताओं को प्रोत्साहन प्रदान करती है ।
- अगर वे अपने काम से मतदाताओं को संतुष्ट कर सकते हैं, तो वे फिर से जीतने में सक्षम होंगे ।
- यदि कोई राजनीतिक दल केवल सत्ता में रहने की इच्छा से प्रेरित होता है, तो भी वह लोगों की सेवा करने के लिए मजबूर होगा ।
- इससे राजनीतिक दलों की असली मंशा का पता चलता है ।
- यह मतदाताओं को सर्वश्रेष्ठ में से चुनने का विकल्प देता है ।
❇️ भारत मे चुनाव :-
🔹 हमारे यहाँ हर 5 साल में लोकसभा तथा विधानसभा का चुनाव होता है । पाँच साल के बाद चुने हुये सभी प्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त हो जाता है । फिर सभी चुनाव क्षेत्रों में एक ही दिन या अलग-अलग अंतराल में चुनाव होते हैं ।
❇️ निर्वाचन क्षेत्र या सीट :-
🔹 चुनाव के उद्देश्य से देश को अनेक क्षेत्रों में बाँट लिया गया है , इन्हें निर्वाचन क्षेत्र या सीट कहते हैं ।
❇️ लोकसभा चुनाव में कुल सीटें :-
🔹 लोकसभा में कुल 543 सीटें हैं । अनुसूचित जातियों के लिए 84 और अनुसूचित जनजातियों के लिए 47 सीटें आरक्षित हैं ।
❇️ सबसे बड़ा एव सबसे छोटा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र :-
🔹 क्षेत्र के अनुसार देश का सबसे बड़ा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र लद्दाख और सबसे छोटा चांदनी चौक है ।
❇️ मतदाता सूची ( वोटर लिस्ट ) :-
🔹 मतदान की योग्यता रखने वाले लोगों की सूचि को मतदाता सूची ( वोटर लिस्ट ) कहते है ।
❇️ मतदान के लिये योग्य उम्र :-
🔹 18 वर्ष और उससे ऊपर की आयु वाले सभी नागरिक वोट डाल सकते हैं । यानी मतदान की योग्यता रखते हैं ।
❇️ उम्मीदवार बनने की न्यूनतम उम्र :-
🔹 25 वर्ष
❇️ टिकट :-
🔹 पार्टी के मनोनयन को सामान्य भाषा में टिकट कहते है ।
❇️ चुनाव अभियान के विभिन्न माध्यम या साधन :-
- पोस्टर लगाना ।
- सभाएं करना ।
- भाषण देना ।
- जुलूस निकालना ।
- घर – घर जा कर मुलाकात करना ।
❇️ चुनावी नारे :-
🔹 गरीबी हटाओ – इंदिरा गाँधी , लोकतंत्र बचाओ – जनता पार्टी , जमीन जीतने वाले को वामपंथी दल , तेलुगु स्वाभिमान – तेलुगु देशम पार्टी ।
❇️ चुनाव आयोग :-
🔹 भारत में चुनाव संपन्न कराने का कार्य एक निष्पक्ष व स्वतंत्र इकाई करती है जिसे चुनाव आयोग कहते हैं ।
❇️ भारतीय चुनाव आयोग के अधिकार :-
- चुनाव अधिसूचना जारी करने से लेकर नतीजों की घोषणा तक चुनाव प्रक्रिया का संचालन ।
- आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू करना तथा उल्लंघन करने वाले उम्मीदवारों और पार्टियों को दण्डित कारना ।
- चुनावों के दौरान सरकार को दिशा – निर्देश मानने का आदेश देना ।
- सरकारी अधिकारियों को अपने अधीन करके उनसे चुनावी काम – काज लेना ।
- जिन मतदान केन्द्रों पर चुनाव ढंग से नहीं हुआ हो वहां दोबारा चुनाव करवाना ।
❇️ भारतीय चुनाव आयोग के सामने चुनौतियाँ :-
- ज़्यादा रूपये – पैसे वाले उम्मीदवारों और पार्टियों के गलत तरीकों पर रोकथाम ।
- अपराधिक पृष्ठभूमि और संबंधों वाले उम्मीदवारों पर लगाम कसना ।
- पारिवारिक संबंधों की बुनियाद पर टिकट मिलने पर रोकथाम ।
- मतदाता को चुनने के लिए ज्यादा से ज्यादा विकल्प उपलब्ध करना ।
- छोटे दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों की परेशानियों का निपटारा ।
❇️ स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए उठाए गए कदम :-
- चुनाव से पूर्व मतदाता सूचियों को ठीक करना ।
- सरकारी मशीनरी के दुरूपयोग पर नियंत्रण ।
- मतदाताओं के लिए पहचान पत्र ।
- चुनाव याचिका का जल्द निपटारा ।
- चुनाव में धन – बल के प्रयोग की जाँच ।
❇️ आचार संहिता :-
🔹 चुनाव अभियान के समय राजनीतिक दलों द्वारा पालन किए जाने वाले नियमों को चुनाव आचार संहिता कहा जाता है ।
❇️ आचार संहिता के मुख्य प्रावधान :-
- चुनाव के प्रचार के लिए किसी धार्मिक स्थल का प्रयोग नहीं किया जाएगा ।
- सरकारी वाहनों , विमानों और सरकारी अधिकारियों का चुनाव प्रचार में उपयोग नहीं किया जाएगा ।
- चुनाव की घोषणा के बाद सरकार द्वारा कोई भी नीतिगत फैसला नहीं लिया जाएगा एवं कोई योजना का शिलान्यास नहीं किया जाएगा ।
❇️ चुनावों के दौरान कोई भी उम्मीदवार या पार्टी क्या काम नहीं कर सकती :-
🔹 चुनावी कानूनों के अनुसार चुनावों के दौरान कोई भी उम्मीदवार या पार्टी निम्नलिखित काम नहीं कर सकती :-
- मतदाता को प्रलोभन , घूस या धमकी ।
- जाति या धर्म के नाम पर वोट मांगना ।
- चुनावी अभियान में सरकारी साधनों का इस्तेमाल ।
- लोकसभा चुनाव में एक क्षेत्र में 25 लाख या विधानसभा क्षेत्र में 10 लाख से ज्यादा खर्च ।
- चुनाव प्रचार के लिए किसी धर्मस्थल का प्रयोग ।
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